बिहार के 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने IPL में रचा इतिहास, समस्तीपुर में जश्न का माहौल
समस्तीपुर, बिहार — बिहार के समस्तीपुर जिले के 14 वर्षीय क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 में ऐतिहासिक कारनामा करते हुए महज 35 गेंदों में शतक जड़कर सबसे कम उम्र में यह उपलब्धि हासिल करने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए उन्होंने गुजरात टाइटंस के खिलाफ जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में यह अविश्वसनीय पारी खेली, जिसके बाद उनके पैतृक गाँव ताजपुर और समस्तीपुर में जोरदार जश्न मनाया गया।
वैभव का ऐतिहासिक शतक
वैभव ने अपनी पारी में 7 चौके और 11 छक्के लगाते हुए 38 गेंदों में 101 रन बनाए। उन्होंने IPL इतिहास में दूसरा सबसे तेज शतक लगाया, जिसमें केवल क्रिस गेल (30 गेंदों में शतक) का रिकॉर्ड उनसे आगे है। उन्होंने विजय हरि जोल के 18 साल 118 दिन की उम्र में बनाए गए रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 14 साल 32 दिन की उम्र में यह कीर्तिमान स्थापित किया।
समस्तीपुर में जश्न का माहौल
वैभव की इस अद्भुत उपलब्धि पर उनके गाँव ताजपुर और समस्तीपुर के पटेल मैदान में जमकर आतिशबाजी की गई। लोगों ने मिठाइयाँ बाँटीं, वैभव के नाम का केक काटा और “बिहार का टाइगर” के नारे लगाए। उनके बचपन के कोच ब्रजेश कुमार झा ने कहा, “वैभव 6 साल की उम्र से ही इसी मैदान पर प्रैक्टिस करता था। आज उसकी मेहनत रंग लाई है।”
पिता का सपना पूरा हुआ
वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी खुद एक क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन उस समय बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता नहीं मिली थी। उन्होंने अपने बेटे के क्रिकेट करियर को आगे बढ़ाने के लिए जमीन तक बेच दी थी। वैभव ने 10 साल की उम्र से ही रोजाना 600 गेंदों का अभ्यास करके अपनी प्रतिभा को निखारा।
क्रिकेट जगत की प्रतिक्रिया
- राहुल द्रविड़ (राजस्थान रॉयल्स के कोच) व्हीलचेयर से उठकर वैभव के शतक पर तालियाँ बजाने लगे।
- तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, “गर्व है अपने बिहारी बॉय वैभव सूर्यवंशी पर!”।
- चिराग पासवान ने उन्हें “बिहार का लाल” बताते हुए बधाई दी।
आगे का सफर
वैभव ने पहले ही अंडर-19 टीम के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 58 गेंदों में शतक बनाकर रिकॉर्ड बनाया था। अब उनकी नजर भारतीय राष्ट्रीय टीम पर है। कोच और क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि वह जल्द ही टीम इंडिया का हिस्सा बन सकते हैं।
निष्कर्ष
वैभव सूर्यवंशी की यह सफलता न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। उनकी कहानी संघर्ष, मेहनत और जुनून की मिसाल है, जो युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है। आने वाले समय में वह भारतीय क्रिकेट को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की क्षमता रखते हैं।
