हर 5 में से 1 कैंसर मरीज का ₹5 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस इलाज के दौरान हो जाता है खत्म: स्टडी

नई दिल्ली।
देश में कैंसर इलाज की बढ़ती लागत और हेल्थ इंश्योरेंस की सीमाएं एक गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही हैं। एक ताज़ा स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि भारत में हर 5 में से 1 कैंसर मरीज का ₹5 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस कवर इलाज पूरा होने से पहले ही खत्म हो जाता है।
इलाज की लागत बन रही बड़ी चुनौती
रिपोर्ट के अनुसार, कैंसर के इलाज पर मरीजों को औसतन ₹7.6 लाख तक का खर्च उठाना पड़ रहा है, जबकि अधिकांश हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां कुल खर्च का केवल करीब 70 प्रतिशत ही कवर कर पा रही हैं। इसका सीधा असर यह होता है कि शेष राशि मरीजों और उनके परिवारों को अपनी जेब से चुकानी पड़ती है।

मरीजों पर बढ़ रहा आर्थिक बोझ
बीमा कवर खत्म होने के बाद इलाज जारी रखने के लिए कई परिवारों को कर्ज लेना बचत खर्च करना या संपत्ति तक बेचनी पड़ रही है

विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति मिडिल क्लास और लोअर इनकम ग्रुप के लिए और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है।
बीमा कवर बढ़ाने की जरूरत
स्वास्थ्य विशेषज्ञों और नीति विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा समय में
हेल्थ इंश्योरेंस की राशि बढ़ाने
कैंसर जैसे गंभीर रोगों के लिए अलग कवर
और इलाज की वास्तविक लागत के अनुसार पॉलिसी डिजाइन
की सख्त जरूरत है।
नीतिगत सुधार की मांग
स्टडी के निष्कर्ष यह संकेत देते हैं कि अगर समय रहते हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में सुधार नहीं किया गया, तो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए इलाज कराना और मुश्किल हो सकता है।